"पहले जन लोकपाल बिल पास करवाएं"
नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के खिलाफ जन लोकपाल विधयेक की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे वयोवृद्ध समाजससेवी अन्ना हजारे ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया की गांधी की अपील का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि सोनिया जी सरकार से कहें कि जल्द से जल्द लोकपाल बिल पास करवाएं। इससे पहले सोनिया ने हजारे से अनशन खत्म करने की अपील की थी।
सोनिया की अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजसेवी अन्ना ने कहा कि, मैं सोनिया की अपील का शुक्रगुजार हूं लेकिन मैं उनसे एक गुजारिश करता हूं कि वे सरकार को निर्देश दें कि जितनी जल्दी संभव हो जनलोकपाल बिल को सदन में पास करवाएं। हजारे ने कहा कि जब तक सरकार जन लोकपाल विधेयक पर गौर नहीं करती वे अपना अनशन जारी रखेंगे।
इससे पहले गुरूवार देर शाम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी उनसे अनशन खत्म करने की अपील की थी लेकिन अन्ना हजारे अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।
सोनिया ने की अनशन तोड़ने की अपील
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरूवार शाम अन्ना हजारे से आमरण अनशन खत्म करने की अपील की। सोनिया गांधी ने एक बयान जारी कर कहा कि अन्ना हजारे के आमरण अनशन से मुझे दुख पहुंचा है। उन्होंने जो मुद्दा उठाया है वह आम आदमी की चिंता का गम्भीर विषय है। सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार को खत्म करने की तत्काल आवश्यकता पर दो विचार नहीं हो सकते। उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि ऎसे मामलों में प्रभावी कानून होने चाहिए और आवश्यक परिणाम देने वाले होने चाहिए। मुझे पूरा विश्वास है कि अन्ना हजारे जी के विचारों की ओर सरकार पूरा ध्यान देगी। क्योंकि हम इस गम्भीर बीमारी को खत्म करने के लिए लगातार आगे बढ़ रहे हैं।" सोनिया ने कहा कि वे अन्ना हजारे से अपील करती हैं कि वे अपना आमरण अनशन खत्म कर दें।
जन लोकपाल विधेयक तैयार करने के लिए सामाजिक संगठनों और सरकार के प्रतिनिधियों की संयुक्त समिति बनाने की मांग को लेकर अन्ना हजारे का अनशन तीसरे दिन भी जारी रहा। इसी बीच उन्हें देश विदेश से व्यापक समर्थन मिल रहा है। जैसे-जैसे उनके आंदोलन में दिन बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे उनके साथ लोग जुड़ते जा रहे हैं। जो जहां है वहीं से अन्ना का अपने-अपने तरीके से समर्थन कर रहा है।
हुई वार्ता पर दो प्रमुख मुद्दों पर सहमति नहीं
अन्ना हजारे के इस अनशन को मिल रहे समर्थन से हलकान हुई सरकार की तरफ से केंद्रीय दूरसंचार और मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल को बातचीत का जिम्मा सौंपा गया तो अन्ना हजारे की तरफ से समाजसेवी स्वामी अग्निवेश और सूचना अधिकार कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल आगे आए। इनके बीच दो दौर की बातचीत हुई और इस बातचीत में कुछ मुद्दों पर सहमति तो बनी लेकिन दो प्रमुख मुद्दों पर सहमति नहीं बन सकी।
गुरूवार दोपहर 1.30 बजे सिब्बल और स्वामी अगिAवेश तथा अरविंद केजरीवाल के बीच हुई बातचीत में संयुक्त समिति के गठन के लिए अधिसूचना जारी करने और समिति का अध्यक्ष अन्ना हजारे को बनाए जाने को लेकर सहमति नहीं बन पाई। सरकार बिना अधिसूचना जारी किए एक संयुक्त समिति बनाने पर सहमत हो गई है लेकिन अन्ना हजारे के प्रतिनिधियों की मांग थी कि इसके लिए सरकार बाकायदा अधिसूचना जारी करे। इसके अलावा संयुक्त समिति का अध्यक्ष अन्ना हजारे को बनाया जाए। दूसरे दौर की बैठक के बाद सिब्बल ने संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी मुद्दों पर सहमति बन गई है लेकिन इन दो मुद्दों पर अब तक सहमति नहीं बनी है। इसलिए हमें कुछ और समय चाहिए। हम शुक्रवार को फिर बातचीत करेंगे ताकि आगे का रास्ता निकाला जा सके।
नहीं बनना मुझे समिति अध्यक्ष
इस बीच, अन्ना हजारे ने कहा कि वह समिति का अध्यक्ष नहीं बनना चाहते। उनका कहना था कि वह यदि समिति के अध्यक्ष बन गए तो लोग यह समझ बैठेंगे कि उन्होंने इसके लिए ही आमरण अनशन किया था। हजारे ने हालांकि समिति में बतौर सदस्य रहने की इच्छा जताई ताकि वह नजर रख सकें कि कहीं जनहित की अनदेखी तो नहीं की जा रही है। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त प्रधान न्यायाधीश को समिति का अध्यक्ष बनाए जाने की बात कही।
मिल रहा व्यापक जन समर्थन
अन्ना हजारे के इस आंदोलन को देश और विदेशों में भी लोगों को व्यापक समर्थन मिल रहा है। मध्य प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाण, महराष्ट्र सहित देश के तमाम जगहों से अन्ना हजारे के समर्थन में लोग उपवास और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब, हरियाणा और उनकी संयुक्त राजधानी चण्डीगढ़ में भी सैकड़ों लोग अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के समर्थन में आगे आए। इसके अलावा पंजाब व हरियाणा के विभिन्न इलाकों जैसे सिरसा, अम्बाला, जिंद, फरीदकोट, संगरूर और अमृतसर में सामाजिक कार्यकर्ता हजारे के आंदोलन के समर्थन में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। विभिन्न स्थानों पर शिक्षकों, वकीलों, छात्रों और चिकित्सकों ने अनशन की योजना बनाई। देशभर में हजारों लोग जमीनी स्तर पर उनके समर्थन में इस आंदोलन में शामिल हो गए हैं।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने दिया समर्थन
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अन्ना हजारे द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू की गई मुहिम का समर्थन किया है। गुरूवार को उन्होंने कहा कि जन लोकपाल विधेयक को पारित किया जाना चाहिए। चौहान ने जन लोकपाल विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और व्यवस्था में सुधार आएगा।
प्रवासी भारतीय भी आगे आए
अन्ना हजारे को भारत के अलावा कनाडा के प्रवासी भारतीयों का भी समर्थन मिला है। वैकूवर के रहने वाले एक सामाजिक कार्यकर्ता बलबंत संघेरा ने आईएएनएस को बताया कि भारतीय मूल के हम कनाडाई नागरिक भारत की प्रतिष्ठा बचाने के लिए अन्ना हजारे द्वारा किए जा रहे प्रयासों का समर्थन करते हैं। भ्रष्टाचार की वजह से देश की छवि खराब हुई है। भारत में राष्ट्रमंडल खेल, 2 जी स्पेक्ट्रम और आवासीय घोटाले छाए रहे। अन्ना हजारे के अनशन का समर्थन करते हुए कनाडा के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री उज्जवल दोसांझ ने कहा कि मैं अन्ना हजारे के प्रयास का समर्थन करता हूं। भारत सरकार को इस आंदोलन की ओर ध्यान देना चाहिए। जिस तरह का समर्थन उन्हें मिल रहा है उससे लग रहा है कि लोग भ्रष्टाचार से तंग आकर बदलाव की ओर देख रहे हैं।
सोने की चिडिया पर हिमालय जितना कर्ज
देश भर में मिल रहे समर्थन के बीच अनशन जारी रखने का संकल्प व्यक्त करते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि देश को राजनीतिज्ञों ने बर्बाद कर दिया है। उन्होंने कहा कि जिस भारत को सोने की चिडिया कहा जाता था वह अब इतिहास की बात हो गई है। देश पर अब हिमालय जितना कर्ज हो गया है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन दिनों में देश की जनता जिस तरह से जागृत हुई है उससे मुझे उम्मीद बंधी है कि अभी सब कुछ खत्म नहीं हुआ है।
अपने आप को स्वस्थ बता रहे हजारे ने कांग्रेस प्रवक्ता द्वारा उनके अनशन को गलत रास्ता बताए जाने के बयान पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि जब आजादी खतरे में होती है तब अनशन करना पड़ता है। जब कोई रास्ता नहीं बचता तब अनशन किया जाता है और देश में अब ऎसी ही स्थिति है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रवक्ता का तब जन्म भी नहीं हुआ होगा जब महात्मा गांधी ने इस देश में अनशन के जरिए लड़ाई शुरू की थी।
अन्ना हजारे ने अगले सात दिनों तक स्वयं के स्वस्थ रहने का संकल्प जताते हुए कहा कि यह जनांदोलन है इसमें सभी लोगों को शामिल होने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि थोड़ी कमजोरी हुई है, लेकिन मैं ठीक हूं। मेरे वजन में कुछ कमी आई है लेकिन अगले सात दिनों तक मैं इसी तरह अनशन जारी रख सकता हूं। उन्होंने कहा कि उमा भारती के साथ सभा स्थल पहुंचने पर जो व्यवहार हुआ उसके लिए उन्होंने माफी मांगी है। हजारे ने कहा कि राजनेता जनता के बीच बैठ सकते हैं केवल उन्हें यहां आसन पर नहीं बैठने दिया जाएगा क्योंकि राजनेता इस आंदोलन का गलत लाभ उठा सकते हैं।
दो अस्पताल में भर्ती
इस बीच, अन्ना हजारे के साथ अनशन पर बैठे दो लोगों की तबीयत बिगड़ने की खबर है। दोनों बेहोश हो गए, जिसके बाद उन्हें आरएमएल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के खिलाफ जन लोकपाल विधयेक की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे वयोवृद्ध समाजससेवी अन्ना हजारे ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया की गांधी की अपील का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि सोनिया जी सरकार से कहें कि जल्द से जल्द लोकपाल बिल पास करवाएं। इससे पहले सोनिया ने हजारे से अनशन खत्म करने की अपील की थी।
सोनिया की अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजसेवी अन्ना ने कहा कि, मैं सोनिया की अपील का शुक्रगुजार हूं लेकिन मैं उनसे एक गुजारिश करता हूं कि वे सरकार को निर्देश दें कि जितनी जल्दी संभव हो जनलोकपाल बिल को सदन में पास करवाएं। हजारे ने कहा कि जब तक सरकार जन लोकपाल विधेयक पर गौर नहीं करती वे अपना अनशन जारी रखेंगे।
इससे पहले गुरूवार देर शाम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी उनसे अनशन खत्म करने की अपील की थी लेकिन अन्ना हजारे अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।
सोनिया ने की अनशन तोड़ने की अपील
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरूवार शाम अन्ना हजारे से आमरण अनशन खत्म करने की अपील की। सोनिया गांधी ने एक बयान जारी कर कहा कि अन्ना हजारे के आमरण अनशन से मुझे दुख पहुंचा है। उन्होंने जो मुद्दा उठाया है वह आम आदमी की चिंता का गम्भीर विषय है। सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार को खत्म करने की तत्काल आवश्यकता पर दो विचार नहीं हो सकते। उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि ऎसे मामलों में प्रभावी कानून होने चाहिए और आवश्यक परिणाम देने वाले होने चाहिए। मुझे पूरा विश्वास है कि अन्ना हजारे जी के विचारों की ओर सरकार पूरा ध्यान देगी। क्योंकि हम इस गम्भीर बीमारी को खत्म करने के लिए लगातार आगे बढ़ रहे हैं।" सोनिया ने कहा कि वे अन्ना हजारे से अपील करती हैं कि वे अपना आमरण अनशन खत्म कर दें।
जन लोकपाल विधेयक तैयार करने के लिए सामाजिक संगठनों और सरकार के प्रतिनिधियों की संयुक्त समिति बनाने की मांग को लेकर अन्ना हजारे का अनशन तीसरे दिन भी जारी रहा। इसी बीच उन्हें देश विदेश से व्यापक समर्थन मिल रहा है। जैसे-जैसे उनके आंदोलन में दिन बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे उनके साथ लोग जुड़ते जा रहे हैं। जो जहां है वहीं से अन्ना का अपने-अपने तरीके से समर्थन कर रहा है।
हुई वार्ता पर दो प्रमुख मुद्दों पर सहमति नहीं
अन्ना हजारे के इस अनशन को मिल रहे समर्थन से हलकान हुई सरकार की तरफ से केंद्रीय दूरसंचार और मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल को बातचीत का जिम्मा सौंपा गया तो अन्ना हजारे की तरफ से समाजसेवी स्वामी अग्निवेश और सूचना अधिकार कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल आगे आए। इनके बीच दो दौर की बातचीत हुई और इस बातचीत में कुछ मुद्दों पर सहमति तो बनी लेकिन दो प्रमुख मुद्दों पर सहमति नहीं बन सकी।
गुरूवार दोपहर 1.30 बजे सिब्बल और स्वामी अगिAवेश तथा अरविंद केजरीवाल के बीच हुई बातचीत में संयुक्त समिति के गठन के लिए अधिसूचना जारी करने और समिति का अध्यक्ष अन्ना हजारे को बनाए जाने को लेकर सहमति नहीं बन पाई। सरकार बिना अधिसूचना जारी किए एक संयुक्त समिति बनाने पर सहमत हो गई है लेकिन अन्ना हजारे के प्रतिनिधियों की मांग थी कि इसके लिए सरकार बाकायदा अधिसूचना जारी करे। इसके अलावा संयुक्त समिति का अध्यक्ष अन्ना हजारे को बनाया जाए। दूसरे दौर की बैठक के बाद सिब्बल ने संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी मुद्दों पर सहमति बन गई है लेकिन इन दो मुद्दों पर अब तक सहमति नहीं बनी है। इसलिए हमें कुछ और समय चाहिए। हम शुक्रवार को फिर बातचीत करेंगे ताकि आगे का रास्ता निकाला जा सके।
नहीं बनना मुझे समिति अध्यक्ष
इस बीच, अन्ना हजारे ने कहा कि वह समिति का अध्यक्ष नहीं बनना चाहते। उनका कहना था कि वह यदि समिति के अध्यक्ष बन गए तो लोग यह समझ बैठेंगे कि उन्होंने इसके लिए ही आमरण अनशन किया था। हजारे ने हालांकि समिति में बतौर सदस्य रहने की इच्छा जताई ताकि वह नजर रख सकें कि कहीं जनहित की अनदेखी तो नहीं की जा रही है। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त प्रधान न्यायाधीश को समिति का अध्यक्ष बनाए जाने की बात कही।
मिल रहा व्यापक जन समर्थन
अन्ना हजारे के इस आंदोलन को देश और विदेशों में भी लोगों को व्यापक समर्थन मिल रहा है। मध्य प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाण, महराष्ट्र सहित देश के तमाम जगहों से अन्ना हजारे के समर्थन में लोग उपवास और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब, हरियाणा और उनकी संयुक्त राजधानी चण्डीगढ़ में भी सैकड़ों लोग अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के समर्थन में आगे आए। इसके अलावा पंजाब व हरियाणा के विभिन्न इलाकों जैसे सिरसा, अम्बाला, जिंद, फरीदकोट, संगरूर और अमृतसर में सामाजिक कार्यकर्ता हजारे के आंदोलन के समर्थन में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। विभिन्न स्थानों पर शिक्षकों, वकीलों, छात्रों और चिकित्सकों ने अनशन की योजना बनाई। देशभर में हजारों लोग जमीनी स्तर पर उनके समर्थन में इस आंदोलन में शामिल हो गए हैं।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने दिया समर्थन
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अन्ना हजारे द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू की गई मुहिम का समर्थन किया है। गुरूवार को उन्होंने कहा कि जन लोकपाल विधेयक को पारित किया जाना चाहिए। चौहान ने जन लोकपाल विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और व्यवस्था में सुधार आएगा।
प्रवासी भारतीय भी आगे आए
अन्ना हजारे को भारत के अलावा कनाडा के प्रवासी भारतीयों का भी समर्थन मिला है। वैकूवर के रहने वाले एक सामाजिक कार्यकर्ता बलबंत संघेरा ने आईएएनएस को बताया कि भारतीय मूल के हम कनाडाई नागरिक भारत की प्रतिष्ठा बचाने के लिए अन्ना हजारे द्वारा किए जा रहे प्रयासों का समर्थन करते हैं। भ्रष्टाचार की वजह से देश की छवि खराब हुई है। भारत में राष्ट्रमंडल खेल, 2 जी स्पेक्ट्रम और आवासीय घोटाले छाए रहे। अन्ना हजारे के अनशन का समर्थन करते हुए कनाडा के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री उज्जवल दोसांझ ने कहा कि मैं अन्ना हजारे के प्रयास का समर्थन करता हूं। भारत सरकार को इस आंदोलन की ओर ध्यान देना चाहिए। जिस तरह का समर्थन उन्हें मिल रहा है उससे लग रहा है कि लोग भ्रष्टाचार से तंग आकर बदलाव की ओर देख रहे हैं।
सोने की चिडिया पर हिमालय जितना कर्ज
देश भर में मिल रहे समर्थन के बीच अनशन जारी रखने का संकल्प व्यक्त करते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि देश को राजनीतिज्ञों ने बर्बाद कर दिया है। उन्होंने कहा कि जिस भारत को सोने की चिडिया कहा जाता था वह अब इतिहास की बात हो गई है। देश पर अब हिमालय जितना कर्ज हो गया है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन दिनों में देश की जनता जिस तरह से जागृत हुई है उससे मुझे उम्मीद बंधी है कि अभी सब कुछ खत्म नहीं हुआ है।
अपने आप को स्वस्थ बता रहे हजारे ने कांग्रेस प्रवक्ता द्वारा उनके अनशन को गलत रास्ता बताए जाने के बयान पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि जब आजादी खतरे में होती है तब अनशन करना पड़ता है। जब कोई रास्ता नहीं बचता तब अनशन किया जाता है और देश में अब ऎसी ही स्थिति है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रवक्ता का तब जन्म भी नहीं हुआ होगा जब महात्मा गांधी ने इस देश में अनशन के जरिए लड़ाई शुरू की थी।
अन्ना हजारे ने अगले सात दिनों तक स्वयं के स्वस्थ रहने का संकल्प जताते हुए कहा कि यह जनांदोलन है इसमें सभी लोगों को शामिल होने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि थोड़ी कमजोरी हुई है, लेकिन मैं ठीक हूं। मेरे वजन में कुछ कमी आई है लेकिन अगले सात दिनों तक मैं इसी तरह अनशन जारी रख सकता हूं। उन्होंने कहा कि उमा भारती के साथ सभा स्थल पहुंचने पर जो व्यवहार हुआ उसके लिए उन्होंने माफी मांगी है। हजारे ने कहा कि राजनेता जनता के बीच बैठ सकते हैं केवल उन्हें यहां आसन पर नहीं बैठने दिया जाएगा क्योंकि राजनेता इस आंदोलन का गलत लाभ उठा सकते हैं।
दो अस्पताल में भर्ती
इस बीच, अन्ना हजारे के साथ अनशन पर बैठे दो लोगों की तबीयत बिगड़ने की खबर है। दोनों बेहोश हो गए, जिसके बाद उन्हें आरएमएल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।